Shubh Sakal Hanuman And Shanidev
शुभ सकाळ
श्री राम जय राम जय जय राम
श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।।
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।
जय श्री शनिदेव
“ॐ भगभवाय विद्महे मृत्युरुपाय,
धीमहि तन्नो शनि प्रचोदयात्!!”
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात्.